बचपन
न डरना शेर की दहाड़ से और बकरी
के मिमियाने से डर जाना. गिर पड़ना
आंगन में ठुमकते हुए, हौसला रखना
फिर भी एवरेस्ट के शिखरों पर फतह की.
न समझ पाना छोटी-छोटी बातें और
बेझिझक सुझाना बेहद मुश्किल मसलों
के हल. सूखे हुए पौधों वाले गमलों
में डालना पानी, नोच लेना नए बौर.
रूठ जाना बेबात और फिर न मानना
किसी के मनाने से. खुश हो जाना
ऐसे ही किसी भी बात से. डूब जाना
किसी भी सोच में, वैसे बिल्कुल न समझना
दादी किसकी चिन्ता करती हैं बेकार,
दादा क्या सोचते रहते हैं लगातार?
इष्ट देव सांकृत्यायन
के मिमियाने से डर जाना. गिर पड़ना
आंगन में ठुमकते हुए, हौसला रखना
फिर भी एवरेस्ट के शिखरों पर फतह की.
न समझ पाना छोटी-छोटी बातें और
बेझिझक सुझाना बेहद मुश्किल मसलों
के हल. सूखे हुए पौधों वाले गमलों
में डालना पानी, नोच लेना नए बौर.
रूठ जाना बेबात और फिर न मानना
किसी के मनाने से. खुश हो जाना
ऐसे ही किसी भी बात से. डूब जाना
किसी भी सोच में, वैसे बिल्कुल न समझना
दादी किसकी चिन्ता करती हैं बेकार,
दादा क्या सोचते रहते हैं लगातार?
इष्ट देव सांकृत्यायन
maza aa gaya
ReplyDeleteashok
hellow,
ReplyDeleteit is excellent
ashok
979AE24DA8
ReplyDeletehacker bul
hacker kirala
tütün dünyası
hacker bulma
hacker kirala