सत्मेव जयते!!!!....लेकिन सच से कोई मरता है तो ?
पल्लवी की मौत की खबर फेसबुक पर दिखी। पुरी खबर को पढ़ा। खबर में लिखा था कि आगरा की रहने वाली पल्लवी ने सच का सामना में रुपा गांगुली वाला एपिसोड देखने के बाद आत्महत्या कर लिया। पूरे खबर को पढ़ कर यह स्पष्ट नहीं हो रहा था कि पल्लवी ने सच का सामना देखने बाद ही आतमहत्या किया है या नहीं। खबरों के मनोवैज्ञानिक प्रभाव के संदर्भ में पल्लवी का मामला मुझे एक गंभीर मामला लग रहा था। इसलिये इस खबर को और जानने के लिए मैंने नेट पर इधर-उधर सर्च करना शुरु कर दिया। नेट पर पल्लवी से संबंधित जितने भी खबर थे, सब की हेडिंग में इस बात का जिक्र था कि पल्लवी ने सच का सामना देखने के बाद आत्महत्या के लिए कदम उठाया। किसी कार्यक्रम को देखकर जब लोग मनोवैज्ञानिक तौर पर आत्महत्या करने के लिए प्रेरित होते हैं तो जनहित में उस कार्यक्रम पर सवाल उठना जरूरी है। इस घटना से संबंधित दो तथ्यों से स्थापित हो रहा है कि पल्लवी आत्महत्या करने के कगार पर सच का सामना में रूप गांगुली को देखने और सुनने के बाद पहुंची। अपने सुसाइड नोट में उसने लिखा है कि एक अच्छी मां, और अच्छी पत्नी नहीं बन सकी। खबरों के मुताबिक इसी तरह की बात रुपा गां...