मोहल्ले का चार सौ बीसा
आज एक मजेदार बात. मोहल्ले ने आज अपने चार सौ बीस पोस्ट पूरे कर लिए. वही अविनाश भाई वाले मोहल्ले ने. मैंने अचानक अपना ब्लोग खोला तो वहाँ मोहल्ले के हिस्से में मुझे यह जानकारी मिली. मुझे एक घटना याद आई. उन दिनों में गोरखपुर में ही था और वहाँ दैनिक जागरण का सिटी रिपोर्टर था. एक सुनसान दिन था. ऐसा दिन कि खबरें न के बराबर थीं और पन्ने पूरे करने थे. विज्ञापन भी ज्यादा नहीं थे. मजबूरन में अपने रिपोर्टर बंधुओं से कह रहा था कि भाइयों कुछ करो. सब कुछ करने के बावजूद जब पेज पूरे नहीं हुए तो मैंने एक-एक बंधु से उनकी बीट के हाल लेने शुरू किए. टेलीफोन विभाग उन दिनों देखते थे गिरीश. उन्होने हँसते हुए बताया कि हमारे यहाँ तो आजकल सिर्फ चार सौ बीसी की चर्चा चल रही है. मैंने डिटेल जानना चाह तो उन्होने बताया कि टेलीफोन विभाग इन दिनों एक नंबर को लेकर परेशान है. नंबर है 33420 और यह जिसे दिया जाता है वही दस-बीस दिन में तंग आकर लौटा जाता है. तब इतनी आसानी से फोन नहीं मिलते थे. उस पर लौटा जाना. यह तो गजब की गुस्ताखी है. कारण पूछने पर पता चला कि वह नंबर मिलते ही जाने कहाँ-कहाँ से अनजान फोन आने लगते हैं और सिर्