युद्ध युद्ध में उतरने की कुछ शर्तें हैं दिमाग की नसों में बारुद भरना ऐसे गीत और नारों को गढ़ना जो लहू के आवेग में आतिश पैदा कर दे श्रेष्ठता की भट्टी में नस्लों को तपाना और दुश्मन के खिलाफ दिल को जहरआलुदा करना इसके बाद जरुरत होती है विज्ञान के फन पर बैठे हुये घातक हथियारों की दांत और नाखून से तो जानवर लड़ते है आदम के औलाद नहीं उन्हें तो चाहिए नस्लकसी करने वाले हथियार हवाओं और पानी में जहर पैदा करने वाले हथियार युद्ध सांचे में ढली हुई कोई चीज नहीं है और न ही किसी कमसिन दुल्हन के सुर्ख होठों पर दौड़ती हया की लकीर यह दावानल है धरती को पलक झपकते राख करने की सलाहियत से भरपूर युद्ध समाजवाद है बच्चों , बुढ़ों , औरतों और जवान में फर्क नहीं करता युद्ध फासीवाद और नाजीवाद है रक्त श्रेष्ठता पर सवार होकर मदमस्त हाथी की तरह चिंघाड़ता है युद्ध लोकतंत्र है अल्पमत पर बहुमत के डंडे की तरह
Bhairo Baba :Azamgarh ke
स्थानीय आस्था के केंद्र : आजमगढ़ के भैरव बाबा -हरिशंकर राढ़ी आस्था तो बस आस्था ही होती है, न उसके पीछे कोई तर्क और न सिद्धांत। भारत जैसे धर्म और आस्था प्रधान देश में आस्था के प्रतीक कदम-दर कदम बिखरे मिल जाते हैं। यह आवश्यक भी है। जब आदमी आदमी और प्रकृति के प्रकोपों से आहत होकर टूट रहा होता है, उसका विश्वास और साहस बिखर रहा होता है तो वह आस्था के इन्हीं केंद्रों से संजीवनी प्राप्त करता है और अपने बिगड़े समय को साध लेता है। भारत की विशाल जनसंख्या को यदि कहीं से संबल मिलता है तो आस्था के इन केंद्रों से ही मिलता है। तर्कशास्त्र कितना भी सही हो, इतने व्यापक स्तर पर वह किसी का सहारा नहीं बन सकता ! भैरव बाबा मंदिर का शिखर : छाया - हरिशंकर राढ़ी ऐसे ही आस्था का एक केंद्र उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जनपद में महराजगंज बाजार स्थित भैरव बाबा का विशाल एवं अति प्राचीन मंदिर है। प्रशासनिक स्तर पर महराजगंज ब्लॉक भले ही विख्यात हो, भैरव जी की महत्ता और लोकप्रियता दूर-दूर तक फैली है। श्रद्धा और आस्था की दृष्टि से महराजगंज भैरव