अपनी पवित्र गायों से द्रोह यह जानकर शायद आपको झटका लगेगा कि हमने अपनी देसी गायों को गली-गली आवारा घूमने के लिए छोड़ दिया है, क्योंकि वे दूध कम देती हैं और इसलिए उनका आर्थिक मोल कम है, लेकिन आज ब्राजील हमारी इन्हीं गायों की नस्लों का सबसे बड़ा निर्यातक बन गया है। ब्राजील भारतीय प्रजाति की गायों का निर्यात करता है, जबकि भारत घरेलू दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए अमरीका और यूरोपीय प्रजाति की गायें आयात करता है। वास्तव में, तीन महत्वपूर्ण भारतीय प्रजाति गिर, कंकरेज और ओंगोल की गायें जर्सी गाय से भी ज्यादा दूध देती हैं, यहां तक कि भारतीय प्रजाति की एक गाय तो होलेस्टेन फ्राइजियन जैसी विदेशी प्रजाति की गाय से भी ज्यादा दूध देती है। जबकि भारत अपने यहां दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए होलेस्टेन फ्राइजियन का आयात करता है। अब जाकर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के गर्व - गिर प्रजाति की गाय - को स्वीकार करने का निश्चय किया है। उन्होंने हाल ही में मुझे बताया कि उन्होंने उच्च प्रजाति की शुद्ध गिर नस्ल की गाय को ब्राजील से आयात करने का निश्चय किया है। उन्होंने यह भी कहा कि आयात की गई गिर गाय क...