विश्वविजेता बन जाऊं
उस दिल का
परवान नहीं है.
जिसका
कुछ
उनवान नहीं है .
आंख नहीं तो
मन पर
बनता.
अक्स मेरा
छतरी बन तनता.
ग़ैर के गम से
जो न
भरे दिल
कुछ भी हो
इन्सान नहीं है.
सबके होंठों
पर
मुस्कानें.
देखें तो
खुद को
पहचानें.
विश्वविजेता
बन जाऊं
यह
मेरा ही
अरमान नहीं है.
इष्ट देव सांकृत्यायन
परवान नहीं है.
जिसका
कुछ
उनवान नहीं है .
आंख नहीं तो
मन पर
बनता.
अक्स मेरा
छतरी बन तनता.
ग़ैर के गम से
जो न
भरे दिल
कुछ भी हो
इन्सान नहीं है.
सबके होंठों
पर
मुस्कानें.
देखें तो
खुद को
पहचानें.
विश्वविजेता
बन जाऊं
यह
मेरा ही
अरमान नहीं है.
इष्ट देव सांकृत्यायन
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