वो दढ़ियल पत्रकार भाई क्या बोलता है
बाप अपुन जो भी बोलेगा बिंदास बोलेगा,क्या ? वो क्या बोलता है, किसी को मिर्ची लगती है तो लगे। साला तुम नेता लोग अपुन लोग का हड्डी तक तक को चूस गया है। अपुन तो पब्लिक है, कुछ भी बोल सकता है , और क्यों नहीं बोलने का ? साला तुम लोग चुनाव कराता है, देश में दंगा करता है ऊधर संसद में जाकर नंगा होता है, अपुन सब समझता है, लेकिन तेरे का कुछ नहीं बिगाड़ सकता है।
लेकिन आपुन को भौंकने से तू नहीं रोक सकता है। आपुन भौंकेगा और खूब जोर जोर से भौकेगा और आपुन के साथ-साथ अखा पब्लिक भौंकेगा, तेरे को मालूम होना मांगता कि जब एक कुत्ता भौंकता है तो उसके साथ साला अखा कुत्ता भौंकता है। साला इस बार सड़को पर दिखाई देगा ना, तो अपुनलोग तेरे को काटेगा भी, ये देख,एसा दांत गड़ाएगा, बिंदास।
वो दढ़ियल पत्रकार भाई क्या बोलता है, साला तुमलोग सुरक्षा में घूमता है, ब्लैक कैट लेकर,लेकिन अपुन लोग डॉग है, डॉग ! जब आपुन लोग भौंकेगा तो सारा ब्लैक कैट भाग जाएगा। यईच बात है। और साला तेरे को काटेगा भी, दौड़ा-दौड़ा कर काटेगा।
तुम लोग साला हलकट है, हलकट। अपुन साला कमर तोड़ करके काम करता है, चोरी नहीं करता,हराम की नहीं खाता। दारू पीता है, लेकिन अपनी कमाई का। तेरी तरह धंधा नहीं करता। अपुन को मालूम है तूमलोग साला फाइल इधर उधर करने का पैसा लेता है, साला डेवलमपेंट के हर काम में कमिशन खाता है, साला तुमलोगों ने देश के हर सरकारी आदमी को कमिशनखोर बना देला है। साला तुम लोग सड़ेला है, सड़ेला। गटर के माफिक बास मारता है।
आपुन साला पब्लिक है, पब्लिक। आपुन को हरीच बात याद है। कुछ बात अपुन के बाप ने अपुन को बताया था, तुमलोगों ने उसको बोला था कि गरीबी हटाएगा, तेरे लोगों के बातों पर उसने यकीन किया साला गरीबी तो नहीं हटा, लेकिन साला वो खुद हट गया। तुमलोगों ने बोला टोटल रिवोल्यूशन लाएगा, आपुन लोगों का दिन फिरेगा, लेकिन साला अखा चारा खा गया। तूम लोगों ने बोला साला राम मंदिर बनाएगा, लेकिन साला दलाली करता रहा और बाद में बोला फील गुड कर। पेट में रोटी और दारू न हो तो आदमी फील गुड कैसे करेगा? साला तुम सब लोग एक ही जात का है। अब अपुन लोग भौंकेंगा और काटेगा, जरूर काटेगा।
साला तेरे लोगों का पेट कितना बड़ा है समझ में ही नहीं आता ? अखा इंडिया तो तू खा गया, अब साला अपुन लोग की हड्डी चूस रहा है। अपुन के पैसे पर साला ब्लैक कैट लेकर घूमता है, दड़ियल पत्रकार सही बोलता है, लेकिन वह यह नहीं बोलता कि अपुन को करना क्या है। वैसे आपुन को पता है कि आपुन को करना क्या है। आपुन को भौंकना और काटना है। साला आपुन तेरा खद्दड़वाला धोती फाड़ डालेगा और अंदर तक दांत गड़ाएगा।
साला तुम लोग देश का कइसा हलकट नेता है रे ? बाबा रे बाबा! वो साला तेरा पार्लियामेंट में घुस गया, फिर भी साला तू लोग धोती झाड़कर घूमता है,ब्लैक कैट लेकर। और वो दढ़ियल पत्रकार क्या बोलता है, देश को चलाना एक बड़ा धंधा है और तू लोग धंधेबाज है।
तेरे इस धंधे को उखाड़ फेंकेगा। आपुन पब्लिक है, पब्लिक। देखते जा तेरी बारात में कैसे भौंकता है। साला चुनाव जीतकर माला पहनकर घूमता है ना, इस बार आ, तेरे को माला अपन पहनाएगा।
आपुन तो साला पागल कुत्ता हो गेयला है बाप !!!!, खूब भौंकेगा...भौं...भौं...भौं और अपुन के साथ अखा देश भौंकेगा..साला तूने अखा देश को कुत्ता बना देयला है।
लेकिन आपुन को भौंकने से तू नहीं रोक सकता है। आपुन भौंकेगा और खूब जोर जोर से भौकेगा और आपुन के साथ-साथ अखा पब्लिक भौंकेगा, तेरे को मालूम होना मांगता कि जब एक कुत्ता भौंकता है तो उसके साथ साला अखा कुत्ता भौंकता है। साला इस बार सड़को पर दिखाई देगा ना, तो अपुनलोग तेरे को काटेगा भी, ये देख,एसा दांत गड़ाएगा, बिंदास।
वो दढ़ियल पत्रकार भाई क्या बोलता है, साला तुमलोग सुरक्षा में घूमता है, ब्लैक कैट लेकर,लेकिन अपुन लोग डॉग है, डॉग ! जब आपुन लोग भौंकेगा तो सारा ब्लैक कैट भाग जाएगा। यईच बात है। और साला तेरे को काटेगा भी, दौड़ा-दौड़ा कर काटेगा।
तुम लोग साला हलकट है, हलकट। अपुन साला कमर तोड़ करके काम करता है, चोरी नहीं करता,हराम की नहीं खाता। दारू पीता है, लेकिन अपनी कमाई का। तेरी तरह धंधा नहीं करता। अपुन को मालूम है तूमलोग साला फाइल इधर उधर करने का पैसा लेता है, साला डेवलमपेंट के हर काम में कमिशन खाता है, साला तुमलोगों ने देश के हर सरकारी आदमी को कमिशनखोर बना देला है। साला तुम लोग सड़ेला है, सड़ेला। गटर के माफिक बास मारता है।
आपुन साला पब्लिक है, पब्लिक। आपुन को हरीच बात याद है। कुछ बात अपुन के बाप ने अपुन को बताया था, तुमलोगों ने उसको बोला था कि गरीबी हटाएगा, तेरे लोगों के बातों पर उसने यकीन किया साला गरीबी तो नहीं हटा, लेकिन साला वो खुद हट गया। तुमलोगों ने बोला टोटल रिवोल्यूशन लाएगा, आपुन लोगों का दिन फिरेगा, लेकिन साला अखा चारा खा गया। तूम लोगों ने बोला साला राम मंदिर बनाएगा, लेकिन साला दलाली करता रहा और बाद में बोला फील गुड कर। पेट में रोटी और दारू न हो तो आदमी फील गुड कैसे करेगा? साला तुम सब लोग एक ही जात का है। अब अपुन लोग भौंकेंगा और काटेगा, जरूर काटेगा।
साला तेरे लोगों का पेट कितना बड़ा है समझ में ही नहीं आता ? अखा इंडिया तो तू खा गया, अब साला अपुन लोग की हड्डी चूस रहा है। अपुन के पैसे पर साला ब्लैक कैट लेकर घूमता है, दड़ियल पत्रकार सही बोलता है, लेकिन वह यह नहीं बोलता कि अपुन को करना क्या है। वैसे आपुन को पता है कि आपुन को करना क्या है। आपुन को भौंकना और काटना है। साला आपुन तेरा खद्दड़वाला धोती फाड़ डालेगा और अंदर तक दांत गड़ाएगा।
साला तुम लोग देश का कइसा हलकट नेता है रे ? बाबा रे बाबा! वो साला तेरा पार्लियामेंट में घुस गया, फिर भी साला तू लोग धोती झाड़कर घूमता है,ब्लैक कैट लेकर। और वो दढ़ियल पत्रकार क्या बोलता है, देश को चलाना एक बड़ा धंधा है और तू लोग धंधेबाज है।
तेरे इस धंधे को उखाड़ फेंकेगा। आपुन पब्लिक है, पब्लिक। देखते जा तेरी बारात में कैसे भौंकता है। साला चुनाव जीतकर माला पहनकर घूमता है ना, इस बार आ, तेरे को माला अपन पहनाएगा।
आपुन तो साला पागल कुत्ता हो गेयला है बाप !!!!, खूब भौंकेगा...भौं...भौं...भौं और अपुन के साथ अखा देश भौंकेगा..साला तूने अखा देश को कुत्ता बना देयला है।
बोहत अच्छा लिखेला है भाई। बोले तो बिंदास। साला... अक्खा सिस्टम सड़ गेला है।
ReplyDeleteभौं-भौं-भू-भौं भभक-ह्बौं-भौं-भौं-भू-भौं-भौं ................... भईईंच-भौं-भौं-भौं ...........
ReplyDeleteBOT MAST LIKELA HAI BIDU (SORRY U R VENERABLE).ALL KNOW THAT A DOG WAGS ITS TAIL BUT AT TIMES EVEN A TAIL CAN WAG A DOG.NETA LUG SACCHHI APUNLOG KO YEDA KAR DIYELA HAI... VO VO AYU AYU AYUA ATWUUT ETWUUT..
ReplyDeleteअरे वाह क्या बोला भई ओर बिंदास बोला बहुत खरी खोटी सुनाई , लेकिन सब सच्ची बात कही आप ने एक दिन ऎसा ही होना है अगर यह हरमी अब भी न समझे, आप की भाषा बहुत सुंदर लगी कई बार बोलने की कोशिश कि लेकिन दो शव्दो से ज्यादा अपून नही बोला, सुनना मंगता.
ReplyDeleteधन्यवाद
यार इष्टदेव जी मैं तो आपको कुछ और ही समझता था
ReplyDeletevah nandan ji vah.
ReplyDeleteअरे नहीं यार हमने तो आपको पहले ही बता दिया था की हम-आप एक ही प्रजाति के हैं. आइये बिरादरी में एक बार फ़िर आपका स्वागत है : भौं-भौं-भौं-भूँ-भौं-भौं .............. मन की चरों तरफ़ चोर घुसे पड़े हैं. कोई सुनने वाला भी नहीं है, फ़िर भी हम भूँकने se क्यों मानें?
ReplyDeleteजब पब्लिक भौंकता है तो सारा सूअर नेता लोग भागता है.
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