याद तुम्हारी आई है
नजरें जाती दूर तलक हैं
पर दिखती तनहाई है
क्या तुम रोते हो रातों में
सीली सी पुरवाई है
रातों में आते थे अक्सर
ख्वाब सुहाने तू हंस दे
बेरौनक मुस्कान हुई है
रोती सी शहनाई है
हम तेरी यादों के सहारे
जीते थे खुश होते थे
अब उजडा लगता है चमन क्यों
फीकी सी रौनाई है
गम के सफर में साथ दिया है
साया मेरा कदम-कदम
जानें क्या अब बात हुई है
धुंधली सी परछाई है
हमें खबर थी के तुम खुश हो
अपनी किस्मत लेकर संग
मुद्दत बाद अचानक कैसे
याद तुम्हारी आई है
रतन
पर दिखती तनहाई है
क्या तुम रोते हो रातों में
सीली सी पुरवाई है
रातों में आते थे अक्सर
ख्वाब सुहाने तू हंस दे
बेरौनक मुस्कान हुई है
रोती सी शहनाई है
हम तेरी यादों के सहारे
जीते थे खुश होते थे
अब उजडा लगता है चमन क्यों
फीकी सी रौनाई है
गम के सफर में साथ दिया है
साया मेरा कदम-कदम
जानें क्या अब बात हुई है
धुंधली सी परछाई है
हमें खबर थी के तुम खुश हो
अपनी किस्मत लेकर संग
मुद्दत बाद अचानक कैसे
याद तुम्हारी आई है
रतन
वाह बहुत खूब, शुक्रिया जनाब
ReplyDelete06B0F50016
ReplyDeletekiralık hacker
hacker arıyorum
belek
kadriye
serik