सद्प्रयास: मरीज के लिए डॉक्टर ने लगाई जान की बाज़ी

जनार्दन मिश्र

9 अगस्त की रात को जिस समय सब सो रहे थे सूरत में एक दिल को झकझोरने वाली घटना हो गई। यहाँ के एक प्राइवेट अस्पताल में 71 वर्षीय पुरुष को ICU में भर्ती कराया गया था। कोरोना संक्रमित बुजुर्ग को साँस लेने में तकलीफ़ हो रही थी। उनका ऑक्सीजन लेवल (SpO2) लगातार कम होता जा रहा था।

देखते ही देखते उनका ऑक्सीजन लेवल बहुत कम हो गया था। उनको तत्काल वेंटिलेटर सपोर्ट की ज़रूरत थी, लेकिन इसके लिए पहले मरीज़ की श्वास नली में एक Endotracheal tube (ET) डालनी पड़ती है। वहाँ मौजूद डॉक्टर ने ET डालने का प्रयास किया लेकिन उनके लिए यह कार्य मुश्किल हो रहा था इस प्रक्रिया के लिए एक एक्सपर्ट डॉक्टर (एनेस्थेटिस्ट) की ज़रूरत थी जबकि उनके पास समय बहुत कम था।

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उस समय हालात ऐसे थे कि अगर उस बुजुर्ग मरीज़ को तत्काल वेंटिलेटर सपोर्ट नहीं मिलता तो उनकी जान बचा पाना मुश्किल था 3 से 4 मिनट के भीतर ऑक्सीजन लेवल सही नहीं हुआ तो उनके दिमाग़ को काफ़ी नुक़सान उठाना पड़ सकता था।

वहाँ ICU में उस समय एक एनेस्थेटिस्ट डॉक्टर मौजूद थे वो उस बुजुर्ग मरीज़ से केवल दो बेड की दूरी पर भर्ती थे। कोविड-19 से पीड़ित 37 वर्षीय डॉ. संकेत मेहता पिछले दस दिन से वहाँ अपना इलाज करवा रहे थे उन्हें कमजोरी एवं साँस लेने में दिक़्क़त थी इसलिए उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था।

वह अपने बेड से इस मरीज़ की हालत देख रहे थे डॉक्टर होने के नाते उन्हें मौक़े की नज़ाकत समझते देर न लगी। वहाँ मौजूद डॉक्टर और अन्य स्टाफ़ कुछ समझ पाते इसके पहले ही डॉ मेहता अपनी पूरी ताक़त लगा कर अपने बेड से खड़े हो गए। डॉ. संकेत मेहता अपना ऑक्सीजन सपोर्ट हटा कर उस मरीज़ के पास पहुँचे बिना समय गँवाए उन्होंने उसकी श्वास नली में ET डाल दी इस तरह डॉ मेहता ने अपनी जान की परवाह किए बिना अपने चिकित्सकीय कर्तव्य का पालन किया।

अस्पताल से ताज़ा जानकारी के अनुसार उस बुजुर्ग मरीज़ की स्थिति अब सामान्य है डॉ मेहता की तबीयत भी ठीक है। ऐसे उत्कृष्ट योगदान के लिये इस युवा डॉक्टर को नमन!!

© जनार्दनमिश्रा

 

Comments

  1. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (16-08-2020) को    "सुधर गया परिवेश"   (चर्चा अंक-3795)     पर भी होगी। 
    --
    स्वतन्त्रता दिवस की
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।  
    सादर...! 
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'  
    --

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  2. नमन है सच ऐसे व्यक्तित्व को।
    जय हिन्द।

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