बाज़ार

मुमताज़ अज़ीज़ नाज़ाँ

यहाँ हर चीज़ बिकती है
कहो क्या क्या ख़रीदोगे

यहाँ पर मंसब-ओ-मेराज की बिकती हैं ज़ंजीरें
अना को काट देती हैं ग़ुरूर-ओ-ज़र की शमशीरें
यहाँ बिकता है तख़्त-ओ-ताज बिकता है मुक़द्दर भी
ये वो बाज़ार है बिक जाते हैं इस में सिकंदर भी
यहाँ बिकती है ख़ामोशी भीलफ़्फ़ाज़ी भी बिकती है
ज़मीर-ए-बेनवा की हाँ अना साज़ी भी बिकती है

दुकानें हैं सजी देखो यहाँ पर हिर्स-ओ-हसरत की
हर इक शै मिलती है हर क़िस्म कीहर एक क़ीमत की
यहाँ ऐज़ाज़ बिकता हैयहाँ हर राज़ बिकता है
यहाँ पर हुस्न बिकता हैअदा-ओ-नाज़ बिकता है

सुख़न बिकता हैबिक जाती है शायर की ज़रुरत भी
यहाँ बिकती है फ़नकारीयहाँ बिकती है शोहरत भी
यहाँ पर ख़ून-ए-नाहक़ बिकता हैबिकती हैं लाशें भी
यहाँ बिकती हैं तन मन पर पड़ी ताज़ा खराशें भी

यहाँ नीलाम हो जाती है बेवाओं की मजबूरी
यहाँ बीनाई बिकती हैयहाँ बिकती है माज़ूरी
लहू बिकता हैबिकते हैं यहाँ अअज़ा-ए-इंसानी
यहाँ बिकते हैं दो दो पैसों में जज़्बात-ए-निस्वानी
मोहब्बतजज्बा-ओ-हसरतसभी नीलाम होते हैं
इनायतउन्सऔर रग़बतसभी नीलाम होते हैं

अगर बिकता नहीं कुछतो यहाँ इन्सां नहीं बिकता
यहाँ एहसाँ नहीं बिकतायहाँ ईमां नहीं बिकता
दिल-ओ-अर्वाह के टुकड़ों की क़ीमत कुछ नहीं होती
वफ़ा कीआह कीअश्कों की क़ीमत कुछ नहीं होती
यहाँ मासूम ख़्वाबों को नहीं मिलती हैं ताबीरें
यहाँ पर सर पटकती फिरती हैं मुफ़्लिस की तदबीरें
है ये बाज़ार इक ज़िन्दाँ,  दुकानें क़त्लख़ाने हैं
यहाँ हर फ़िक्र क़ैदी हैयहाँ मुर्दा ज़बानें हैं

हैं इस बाज़ार के क़ैदीख़रीदार और ताजिर सब
यहाँ क़ैदी हैं दीदावरयहाँ क़ैदी मुशाहिर सब
यहाँ हर एक सौदे में हैं कितने राज़ पोशीदा
यहाँ मसहूर हो जाते हैं ज़हन-ओ-दिललब-ओ-दीदा

है ये बाज़ार इक जादू की नगरी
इक छलावा है
यहाँ कुछ भी नहीं बिकता
यहाँ बस वहम बिकता है
कहो जी,
क्या ख़रीदोगे?  

[नज़्म]

शब्दार्थ 
मंसब-ओ-मेराज पद और बुलंदीअना – अहंग़ुरूर-ओ-ज़र – घमंड और धनशमशीरें – तलवारेंबेनवा – जो बात न कर सकेहिर्स-ओ-हसरत – लालच और इच्छाऐज़ाज़ – सम्मानसुख़न – बातेंबीनाई – दृष्टिमाज़ूरी – अपाहिज पनअज़ा-ए-इंसानी इंसानी अंगजज़्बात-ए-निस्वानी – औरत के जज़्बातइनायत  मेहरबानीउन्स – प्याररग़बत – लगावअर्वाह – रूहेंज़िन्दाँ – कारागारताजिर – व्यापारीदीदावर – देखने वालेमुशाहिर – दिखाने वालेपोशीदा – छुपे हुएमसहूर – जिस पर जादू किया गया होलब-ओ-दीदा – होंट और आँखें

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