व्यवस्था में कालनेमि


इष्ट देव सांकृत्यायन 

निर्भया के दोषियों को फांसी होने से क्या बलात्कार रुक जाएंगे

यह प्रश्न आज वही उठा रहे हैं जो खुद को गलती से किसी की कुहनी लग जाने पर उसकी जान ले लेना चाहते हैं.

तब कहां चली जाती है सारी सहिष्णुता तुम्हारी? क्यों नहीं सुझती तुम्हें तब अहिंसा?

ये वही लोग हैं जो अपना पर्स चोरी हो जाने पर पूरे सिस्टम, पूरे देश और देश की सारी जनता को कोसने लगते हैं. गोया सब केवल इनका पर्स चुराने में जुटे पड़े थे.

लेकिन सवाल यह है कि जब दोषी को सजा देनी ही नहीं, बलात्कार जैसा जघन्य अपराध करने वाले को एक मदरसे के फर्जी दस्तावेज के आधार पर नाबालिग मान लिया जाना है और उसे इस महान कृत्य के लिए पुरस्कार दिया जाना है, तो फिर जरूरत क्या है दुनिया में किसी सिस्टम की? क्यों न चलने दिया जाए जंगल राज?

और बताएं आपको, दुनिया में कोई सिस्टम नहीं होना चाहिए, यह भी एक सिद्धांत है और इस सिद्धांत के आज के दुनिया में सबसे बड़े प्रतिपादकों वही हैं, जिनके अपने सिस्टम ने थ्येना आन मन चौक पर एक ही झटके में लाखों युवाओं को टैंक लगाकर उड़ा दिया था. उनका अपराध यह था कि वे सिस्टम चाहते थे जिसमें जनता की भागीदारी हो. अभी वुहान शहर के सिर पर कॉरोना के बाद सल्फाइड का जो धुआं उठा, वह क्यों उठा और कितनी क्रूरता से दुनिया को एक वायरस की चपेट में झोंक कर फिर अपने ही लाखों लोगों की जान लेकर दुनिया बचाने का नाटक किया गया, चाहे वे कितना भी छिपाने की कोशिश कर लें; दुनिया सच जानती है.

हद तो यह है कि यह सवाल उठाने वालों में एक पूर्व माननीय मी लॉर्ड भी शामिल हैं. जरा सोचिए, इतने दिनों तक सिस्टम में शामिल रहकर इन्होंने सिस्टम का क्या बनाया? संविधान की शपथ लेकर इन्होंने संविधान के साथ क्या किया? क्या मालूम नहीं था कि देश के कानून में यह व्यवस्था है? फिर क्यों शामिल हुए यह व्यवस्था में?

इससे यह बात तो पूरी तरह तय हो गई न कि देश के संविधान और उसके तहत बने कानूनों में उनकी कोई आस्था, कोई विश्वास नहीं है! अब इसमें संशय की कोई गुंजाइश तो कहीं नहीं रही न! फिर क्यों शामिल हुए वे इसी व्यवस्था में?

अब आए इन बयानों से सोचने की जरूरत बस यह है कि कोलेजियम ने हमें कैसे कैसे माननीय दिए हैं और यह भी कि उधार की इस शिक्षा व्यवस्था ने हमें कैसे कैसे बुद्धिजीवी दिए हैं.

इस आयातित व्यवस्था ने व्यवस्था के भीतर और उसके बाहर भी, उसे बुरी तरह प्रभावित करने वाले असंख्य कालनेमि बैठा दिए हैं. इन कालनेमियों को हमें पहचानना ही होगा और पहचान कर बेनकाब भी करना ही होगा.



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