वे हमारे साथ सदैव रहना चाहते है!
-दिलीप मंडल
उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी कैंपस इलाके में लड़कियों के साथ छेड़खानी की। उन्होंने लड़कियो के साथ जबर्दस्ती की कोशिश की। लेकिन वो हमारी आपकी सुरक्षा के लिए दिल्ली पुलिस में भर्ती होंगे। सरकार उनके साथ है। इसलिए आप चाहें या न चाहें, वो हमारी सुरक्षा करेंगे। वो हमारे लिए हमारे साथ सदैव रहना चाहते हैं।
डीयू की लड़कियां कितनी गैरवाजिब मांग उठा रही हैं। वो चाहती है कि छेड़खानी करने वाले लफंगे जिस बैच में शामिल हों, उस बैच को नौकरी पर न रखा जाए। वो चाहती है कि दिल्ली पुलिस और केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल उनकी मांग मान लें। जिस एनएसयूआई को डीयू ने खूबसूरत पोस्टर और संगठन का जलवा देखकर हाल ही मे जिताया है और जिसके नेताओं ने सोनिया गाधी के साथ तस्वीरे खिचाई थी, वो खामोशी साधे हुए है। डीयू स्टूडेंट यूनियन की प्रेसिडेट लड़की, दिल्ली की मुख्यमंत्री महिला, देश चलाने वाली एक महिला - और सभी कांग्रेसी, जिसका हाथ आम आदमी के साथ है, लेकिन डीयू की लड़कियों की एक मामूली सी और बिल्कुल सही मांग के समर्थन में कोई नही आ रहा है।
आप किस ओर खड़ें है?
उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी कैंपस इलाके में लड़कियों के साथ छेड़खानी की। उन्होंने लड़कियो के साथ जबर्दस्ती की कोशिश की। लेकिन वो हमारी आपकी सुरक्षा के लिए दिल्ली पुलिस में भर्ती होंगे। सरकार उनके साथ है। इसलिए आप चाहें या न चाहें, वो हमारी सुरक्षा करेंगे। वो हमारे लिए हमारे साथ सदैव रहना चाहते हैं।
डीयू की लड़कियां कितनी गैरवाजिब मांग उठा रही हैं। वो चाहती है कि छेड़खानी करने वाले लफंगे जिस बैच में शामिल हों, उस बैच को नौकरी पर न रखा जाए। वो चाहती है कि दिल्ली पुलिस और केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल उनकी मांग मान लें। जिस एनएसयूआई को डीयू ने खूबसूरत पोस्टर और संगठन का जलवा देखकर हाल ही मे जिताया है और जिसके नेताओं ने सोनिया गाधी के साथ तस्वीरे खिचाई थी, वो खामोशी साधे हुए है। डीयू स्टूडेंट यूनियन की प्रेसिडेट लड़की, दिल्ली की मुख्यमंत्री महिला, देश चलाने वाली एक महिला - और सभी कांग्रेसी, जिसका हाथ आम आदमी के साथ है, लेकिन डीयू की लड़कियों की एक मामूली सी और बिल्कुल सही मांग के समर्थन में कोई नही आ रहा है।
आप किस ओर खड़ें है?
अगर उन लफंगों को नौकरी पर न रखे जाने की बात होती जिन्होंने छेड़खानी की तो जरूर हम इसके पक्ष में हैं. लेकिन पूरे बैच को सजा देने का कोई औचित्य मेरी समझ में नहीं आता. शायद लड़कियों का इरादा भी उन लफंगों को ही सजा देने का है, लेकिन चूंकि हमारे देश में बंदूक का लाइसेंस लेने के लिए तोंप का आवेदन करना पड़ता है इसीलिए उन्होने भी ऐसा किया है.
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