ग़ज़ल

सिवा अपने इस जगत का आचरण मत देखिए.
काम अपना है तो औरों की शरण मत देखिए.
होती हैं हर पुस्तक में ज्ञान की बातें भरी,
खोलकर पढ़िए भी इसको आवरण मत देखिए.
कंटकों के बीच खिल सकता है कोई फूल भी,
समझाने में व्यक्ति को वातावरण मत देखिए.
लक्ष्य पाना है तो सुख की कल्पनाएं छोड़ दो,
लक्ष्य ही बस देखिए आहत चरण मत देखिए.
यदि समझना चाहते हो जगत के ध्रुवसत्य को
आत्मा को देखिए जीवन मरण मत देखिए.
विनय स्नेहिल

Comments

  1. लक्ष्य पाना है तो सुख की कल्पनाएं छोड़ दो,
    लक्ष्य ही बस देखिए आहत चरण मत देखिए.

    --वाह साहब, बहुत खूब बात कही है. पसंद आई. दाद कबूलें.

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  2. इयत्ता - संस्कृत शब्द है?

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  3. आलोकजी
    इयत्ता संस्कृत का ही शब्द है. जिसका धातुमूलक अर्थ है संख्या, अस्तित्त्व की अर्थवत्ता एवं अस्तित्त्व का सार.
    इष्ट देव सांकृत्यायन

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