ये क्या मामला है?

कल राढ़ी जी (श्री हरिशंकर राढ़ी) ने बताया कि अपना ब्लॉग ही नहीं मिल रहा है. शायद ग़ायब हो गया. उस वक़्त मैं मेंहदीपुर से आ रहा था, रास्ते में था. कुछ नहीं किया जा सकता था. अभी पहुंचा तो सबसे पहले वही तलाश की. मालूम हुआ वास्तव में नहीं है. तुरंत मैंने गूगल में डाला अब यह मिल तो गया. देखें कहीं यह भी ग़ायब न हो जाए!

Comments

  1. @प्रवीण पाण्डेय:
    पकड़्त-पकड़्त जग मुआ, पकड़ न पाया कोय
    एक बार न्दन्द है छोड़े, सो पकड़े सब खोय....

    ReplyDelete
  2. एक कापी बनाकर बैक-अप जरूर रखिये...

    ReplyDelete
  3. गूगल पर जब भी चाहेंगे मिल ही जाएगा -फिर चिंता काहें की ?

    ReplyDelete
  4. azeeb ittefaq hai ! jise bhi apna banaya, achanak hi kho gaya! zindgi, technique aur sahitya mein kitna saamya hai !!

    ReplyDelete
  5. चेन भिजवाऊँ ...?
    बाँधने के लिए ......

    :))

    ReplyDelete

Post a Comment

सुस्वागतम!!

Popular posts from this blog

रामेश्वरम में

Bhairo Baba :Azamgarh ke

इति सिद्धम

Most Read Posts

रामेश्वरम में

Bhairo Baba :Azamgarh ke

Maihar Yatra

इति सिद्धम

...ये भी कोई तरीका है!

Azamgarh : History, Culture and People

पेड न्यूज क्या है?

विदेशी विद्वानों के संस्कृत प्रेम की गहन पड़ताल

आइए, हम हिंदीजन तमिल सीखें

सीन बाई सीन देखिये फिल्म राब्स ..बिना पर्दे का