Posts

Showing posts from September, 2025

फर्जी बाबा का कॉलेज और डिप्लोमेटिक नंबर वाली गाड़ी

Image
  ये स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती डिप्लोमेटिक नम्बर की गाड़ी लेकर दिल्ली में कब से चल रहा था? उस दिल्ली में जहाँ केंद्र और राज्य दोनों की सरकारें हैं। कई ठो स्थानीय सरकारें नगर निगम के नाम पर हैं। थोक के भाव से आईएएस-आईपीएस हैं। उसी के पॉश कहे जाने वाले इलाके वसंत कुंज में इसका तथाकथित आश्रम है और वहीं इसका मैनेजमेंट कॉलेज है। तबसे कितनी सरकारें आई-गईं? दिल्ली पुलिस के कितने प्रमुख बदले? किसी की नजर ही नहीं पड़ी इस पर? बीट के कॉन्स्टेबल से लेकर एसएचओ तक किसी का इतना आईक्यू नहीं था कि एक बार जरा आईटीओ वालों से ही बात कर ले? कल को अगर आतंकवादी ऐसे ही अपनी कार पर डिप्लोमेटिक नंबर लगाकर चले, तो सोचिए.... भारत की वामपंथी और झामपंथी दोनों तरह की सरकारों ने कुल मिलाकर पढ़ाई को एक बिना हर्रे-फिटकरी वाला मुनाफे धंधा समझते हुए इसे पहले सरकार के कब्जे से बाहर किया और फिर इस पर डकैतों को बैठा दिया। यही हाल चिकित्सा का हुआ है। चंबल के महापुरुषों का पुनर्वास सबसे पहले शिक्षा क्षेत्र में ही किया गया। उन्होंने पहले पेरेंट्स को भरपूर लूटा। अब उससे भी मन न भरा तो बच्चियों की इज्जत पर डालने लगे। ऐसा ही कुछ...

भारत पर ग्रहण का प्रभाव नहीं, अत्यंत शुभ है नवरात्र

Image
इष्ट देव सांकृत्यायन  ॥श्री गुरुचरणकमलेभ्यो नम:॥ ‘ सूर्य ग्रहण की अशुभ छाया में कल शुरू होगी शारदीय नवरात्र ’ यही शीर्षक है एक स्वनामधन्य न्यूज चैनल के स्वनामधन्य वेब पोर्टल पर दिए गए नवरात्र घटस्थापना संबंधी सूचनात्मक आलेख का। वही नहीं , कई अखबारों के पोर्टल भी ऐसा ही कुछ शीर्षक घुमा-फिरा कर लोगों का ध्यान खींचने के लिए लगाए हुए हैं। सुबह जब मैंने व्हाट्सएप पर ग्रहण और नवरात्र को लेकर कुछ मित्रों का प्रश्न देखा तब तक मुझे यह नहीं लगा था ऐसे प्रश्न मीडिया द्वारा फैलाए गए भ्रम के परिणाम हैं। मेरा ध्यान इस मुद्दे पर तब गया जब खबरें देखनी शुरू कीं। ग्रहण को लेकर ऐसे-ऐसे भ्रम फैलाए जा रहे हैं जो कहीं से भी तर्कसम्मत नहीं हैं। जो ग्रहण भारत में दृश्य ही नहीं है , उसका कैसा सूतक और क्या प्रभाव! लेकिन यूट्यूब से लेकर टीवी चैनलों और कई अखबारों तक में उसका राशिफल और परिहार आदि बताए जाने का क्या तुक है ? और अब खींचकर उसे नवरात्र तक ले जाने की धृष्टता!! हद है। वह माँ जिसके लिए कहा गया – यस्या: प्रभावमतुलं भगवाननन्तो   ब्रह्मा हरश्च न हि वक्तुमलं बलं च। सा चण्डिकाखिलजगत्परिपालन...

एच-1 बी वीजा फीस बढ़ोत्तरी बनाम अमेरिकी अर्थसंकट

इष्ट देव सांकृत्यायन एच 1 - बी वीजा की फीस जिस तरह बढ़ाई गई है, यह थोड़े दिन समस्या का कारण भले बन रही हो। लेकिन वास्तव में इसे लेकर भारतीयों को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। यह दाँव अंततः अमेरिका पर ही उल्टा पड़ने जा रहा है। अभी मरी हुई अमेरिकी अर्थव्यवस्था को संजीवनी बूटी सुंघाने जैसा एक टोटका है। बिलकुल वैसे ही जैसे कि 50% टैरिफ वाला टोटका। न वह टोटका काम आया और न ये टोटका काम आएगा। ट्रंप जी को शायद कोई निर्मल बाबा मिल गए हैं, अपनी मर चुकी अर्थव्यवस्था को फिर से जिंदा करने के लिए टोटके बताने वाले। अमेरिकी निर्मल बाबा की हालत भी शायद बिलकुल अपने निर्मल बाबा जैसी है। न तो उन्हें ज्योतिष आती है, न तंत्र और न ही मनोविज्ञान। बस मीडिया के जरिये एक हाइप क्रिएट की और बन गए बाबा। अपने निर्मल बाबा समोसे के साथ हरी चटनी या गोलगप्पे के साथ मरून कलर वाली चटनी में किरपा अटकी बताते थे। अमेरिका में चटनी तो होती नहीं, तो इनके निर्मल बाबा कभी टैरिफ में किरपा अटका देते हैं और कभी वीजा फीस में। मालूम उन्हें भी है कि होना इससे कुछ नहीं है, पर संकट में फंसे चेले ने पूछा है तो बताना तो कुछ न कुछ पड़ेगा ह...

नेपाल के घटनाक्रम

  टाइम मैगज़ीन के प्रभावशाली नेताओं की सूची हिंदी के अत्यंत प्रभावशाली और लोकप्रिय लेखकों की सूची से जरा भी अलग नहीं है। ● नेपाल जैसे छोटे देश के किसी युवा नेता का टाइम मैगज़ीन के तथाकथित प्रभावशाली नेताओं की सूची में शामिल होने का मतलब ही है सीआईए का कठपुतली होना। ● भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन सीआईए का सबसे प्रिय और time tested formula है। NGO सबसे सुरक्षित हथियार। सीआईए को खर्च करना पड़ता है सिर्फ पैसा। ● यह पैसा NGO के मार्फ़त हर उस जगह बंटता है, जहाँ से सत्ता और व्यवस्था को प्रभावित किया जाता है। ऐसी अराजकता अचानक नहीं फैलती। यह सुनियोजित होती है और बोरसी की आग की तरह धीरे धीरे सुलगाई जाती है। फिर एक दिन मीडिया का निर्मम इस्तेमाल करके इसमें पेट्रोल से लेकर स्पिरिट तक सब डाल दिया जाता है। ● भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन वास्तव में वास्तव में भ्रष्टाचार के जरिये ही होता है। परम भ्रष्ट और रीढ़विहीन आदमी को इसमें राजा हरिश्चंद्र बनाकर पेश किया जाता है। सब हो जाने और कठपुतली बैठ जाने के दो-चार साल बाद पता चलता है कि बेचारा भ्रष्टाचार, जिसे हम खत्म करने चले थे, वो तो कई लाख गुना और ज्यादा बढ़ गय...

इतना भी अशुभ नहीं होगा ग्रहण

  इष्ट देव सांकृत्यायन   ॥श्री गुरु चरण कमलेभ्यो नमः॥ यद्येकस्मिन् मासे ग्रहणं रविसोमयोस्तदा क्षितिपाः। स्वबलक्षोभैः संक्षयमायांत्यतित्यतिशस्त्रकोपश्च॥ अर्थात यदि एक ही मास में सूर्य और चंद्र दोनों का ग्रहण हो तो अपनी-अपनी सेनाओं में हलचल मच जाने से या शस्त्रप्रहार से राजाओं का नाश होता है।   यह महर्षि वराहमिहिर कृत बृहत्संहिता के राहुचाराध्यायः का 26वाँ श्लोक है। कल एक मित्र ने बताया कि कोई दैवज्ञ ऐसा कह रहे हैं कि देश की सेनाओं में हलचल मच जाएगी। युद्ध तो होगा ही होगा , सरकार भी पलट जाएगी। मैंने दैवज्ञ जी को सुनने की जरूरत नहीं समझी। कौन सुने और क्यों ही सुने! आजकल सोशल मीडिया पर दैवज्ञ लोगों की बाढ़ हुई है। 56 साल के युवा नेता वाले देश में 20-30 साल के व्यापारधर्मा विद्वान अपने को खुद ही सद्गुरुदेव कह रहे हैं , जिन्हें कभी किसी सद्गुरु का दर्शन तक नहीं हुआ और रोज विज्ञापन पर विज्ञापन और व्हाट्सएप दर व्हाट्सएप ठेले जा रहे हैं कि बस हमसे अभिये मोक्ष की दीक्षा ले लो , नहीं तो टेम बीता जा रहा है। ऐसे ही कोई दैवज्ञ रहे होंगे और कहीं किसी अपने को पोलिटिकल कहने वाले गि...

Most Read Posts

रामेश्वरम में

Bhairo Baba :Azamgarh ke

इति सिद्धम

Maihar Yatra

Azamgarh : History, Culture and People

...ये भी कोई तरीका है!

विदेशी विद्वानों के संस्कृत प्रेम की गहन पड़ताल

पेड न्यूज क्या है?

सीन बाई सीन देखिये फिल्म राब्स ..बिना पर्दे का