'गिद्धों का स्वर्णकाल' का लोकार्पण
आज (16 फरवरी, 2024) एक सुखद एवं संतुष्टिप्रद दिन! विश्व पुस्तक मेला , नई दिल्ली में मेरे ( हरिशंकर राढ़ी) दूसरे व्यंग्य संग्रह का लोकार्पण 'हंस' प्रकाशन के स्टॉल पर सम्पन्न हुआ।
अच्छा लगा जब हिन्दी साहित्य की अनेक विभूतियों द्वारा मेरे व्यंग्य संग्रह का लोकार्पण सादगी किन्तु गरिमामय ढंग से किया गया। प्रसिद्ध कवि श्री मदन कश्यप जी, कवि एवं पूर्व संपादक (आजकल) श्री राकेशरेणु जी, कवि और लेखक श्री राधेश्याम तिवारी जी, कवि श्री राजेश्वर वशिष्ठ जी, कवि एवं समालोचक श्री ओम निश्चल जी, कवि-हिन्दी सोनेटकार श्री वेदमित्र शुक्ल जी, कवि-ग़ज़लकार श्री नरेश शांडिल्य जी, श्री शिवबदन यादव जी (वरिष्ठ IAS) एवं अनेक आत्मीय जनों ने अपनी उपस्थिति से समारोह को गौरव प्रदान किया।
डॉ॰ वेदमित्र शुक्ल जी ने संचालन का दायित्व सहर्ष एवं सफलतापूर्वक संभाला। श्री मदन कश्यप जी, श्री राकेशरेणु जी, श्री ओम निश्चल जी ने संक्षिप्त सम्बोधन में बहुत महत्त्वपूर्ण बातें कहीं।
साथ में ही उपेंद्र कुमार मिश्र जी के दूसरे काव्य संग्रह 'लड़ रहा हूँ मैं भी' का लोकार्पण भी साथ-साथ हुआ। इस अवसर पर कवि राकेश मिश्र का सान्निध्य भी प्राप्त हुआ। आत्मीय जनों का साथ भी उत्साह वर्धक रहा।
चुपचाप लिखते रहने और पत्र-पत्रिकाओं में छपते रहने के अतिरिक्त साहित्यिक दौरों में अपनी सक्रियता कम रही। फिर भी, पाच वर्षों के अंतराल पर आए इस व्यंग्य संग्रह के लोकार्पण में स्नेह मिला, उससे मन खुश है।
6148C60973
ReplyDeletekiralık hacker
hacker arıyorum
belek
kadriye
serik