दुनिया में

इष्ट देव सांकृत्यायन 


बार बार का आना-जाना दुनिया में
इतना बड़ा बना फसाना दुनिया में

तुमको लगता है तुम लाए हो लेकिन
उड़े है कब से ये परवाना दुनिया में

चाह सहेजे सबकी ख़ुशियों की चुप-चुप
भटक रहा है एक दीवाना दुनिया में

अपनी नज़र में सबसे नीचे गिरा वही
बना फिरे जो बड़ा सयाना दुनिया में

चादर पूरी नहीं बुनेगी कुछ भी कर लो
खटर-पटर ये ताना-बाना दुनिया में

धूल हो गए क़िले-महल जाने कितने
पूछ रहे तुम ठौर-ठिकाना दुनिया में


ईर्ष्या, द्वेष, लोभ, मोह, मद ही शाश्वत हैं
क्या बांटें हम नया-पुराना दुनिया में


Comments

  1. बहुत ही शानदार
    http://puraneebastee.blogspot.in/
    @PuraneeBastee

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  2. ईर्ष्या, द्वेष, लोभ, मोह, मद ही शाश्वत हैं
    क्या बांटें हम नया-पुराना दुनिया में

    Bilkul..... Badhiya Kahi....

    ReplyDelete
  3. आज के समय में बहुत सारी बीमारियां फैल रही हैं। हम कितना भी साफ-सफाई क्यों न अपना लें फिर भी किसी न किसी प्रकार से बीमार हो ही जाते हैं। ऐसी बीमारियों को ठीक करने के लिए हमें उचित स्वास्थ्य ज्ञान होना जरूरी है। इसके लिए मैं आज आपको ऐसी Website के बारे में बताने जा रहा हूं जहां पर आप सभी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं।
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  4. Nice Article sir, Keep Going on... I am really impressed by read this. Thanks for sharing with us. Latest Government Jobs.

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