झलकियां मुंबई की
श्रद्धांजलि के लिए होड़
मुंबई की सड़कों पर हेमंत करकरे, विजय सालस्कर और अशोक काम्टे को श्रद्धांजलि देने की होड़ राजनीतिक पार्टियों में होड़ लगी हुई है। भाजपा और समाजवादी पार्टी कुछ ज्यादा तेजी दिखा रहे हैं। कल रात पूरे मुंबई में इन दोनों दलों की ओर से हेमंत करकरे, विजय सालस्कर और अशोक काम्टे के बड़े-बड़े पोस्टर सड़कों के किनारे लगाये गये। इन पोस्टरों पर मोटे-मोटे अक्षरों में उन्हें श्रद्धांजलि दिया गया है।
शराबखानों में सन्नाटा
मुंबई के शराब खानों में सन्नाटा है। अच्छे-अच्छे शराबियों की फटी पड़ी है। जीभ चटचटाने के बावजूद वे लोग शराबखानों की ओर मुंह नहीं कर रहे हैं। शराब बिक्री 70 फीसदी की कमी आई है। हार्ड कोर दारूबाज ही रिस्क लेकर दारू की दुकानों पर पहुंच रहे है। बारों में तो भूत रो रहा है। तीन दिनों से बारों में चहल-पहल पूरी तरह से ठप्प है। अंधेरी के आर्दश बार में कभी रात भर दारूबाजों की भीड़ लगी रहती थी, खूब बोतले खाली होती थी। अब यह पूरी तरह से ठप्प है।
फुटपाथ की बिक्री ठप्प
चर्चगेट के पास सड़क के किनारे दुकान लगाने वाले लोगों का धंधा पूरी तरह से बंद है। यहां पर करीब दो किलोमीटर तक छोटे-छोटे दुकानदार बैठा करते थे। यहां पर मौसम के मुताबिक हर तरह के कपड़े सस्ते दामों में बेचे जाते थे। मुंबई की आम आबादी यहीं से अपने लिए जरूरी समानों की खरीददारी करती थी। फिलहाल यह कारोबार पूरी तरह से बंद है। यहां पर प्रत्येक दिन लाखों का व्यापार होता था।
खाली खाली सा आजाद मैदान
चर्च गेट के सामने का आजाद मैदान,जो हमेशा लोगों से भरा रहता था,पूरी तरह से खाली है। इस मैदान में एक बार में 20-25 टीमें क्रिकेट खेला करती थी। अब इस मैदान में एक आदमी भी नहीं दिखाई दे रहा है। इस मैदान के अगल-बगल छोटे-मोटे खोमचे वाले भी रोज का धंधा किया करते थे। उनका धंधा भी पूरी तरह से चौपट हो गया है। चर्च गेट के पास सिघनम कॉलेज, केसी कॉलेज, एक महिला कालेज है। ये सब के सब बंद पड़े हैं। इन कालेजों की वजह से यहां पर लड़के और लड़कियों की भीड़ अक्सर होती थी। अब सब गधे के सिर से सिंघ की तरह गायब है।
मुंबई हाईकोर्ट में पसरा सन्नाटा
मुंबई के हाईकोर्ट में भी पूरी तरह से सन्नाटा छाया हुआ है। वकीलों,पेशकारों और मुवक्किलों से भरा रहने वाला यह कोर्ट पूरी तरह से खाली है।
नरीमन प्वाइंट की सभी आफिसे बंद
नरीमन प्वाइंट की सड़कों पर रफ्तार से दौड़ने वाली गाडियों की संख्या पूरी तरह से कम गई है। दूर-दूर तक कोई दिखाई नहीं दे रहा है। समुद्री लहरे अभी भी समुद्र के किनारे बने ढलानों से टकरा रही है, लेकिन इनका संगीत सुनने वाला कोई नहीं है। यहां पर अक्सर युगल प्रेमियों का जोड़े मस्ती में एक दूसरे से लिपटे हुये दिखाई देते थे, लेकिन अब यहां पूरी तरह से विराना पसरा हुआ है। समुद्री हवा के लिए सुबह और शाम को यहां पर टहलने फिरने वाले बुजुर्ग भी घरों में दुबके हुये हैं। यह मुंबई का पारसीबाहुल इराका है, और व्यवसायिक दृष्टिकोण से बहुत ही महत्वपूर्ण है। लगभग सभी प्रमुख कंपनियों के दफ्तर इसी इलाके में है, जो फिलहाल पूरी तरह से बंद हैं। एक अनुमान के मुताबिक इस इलाके में विभिन्न कंपनियों के करीब 25 हजार ऑफिस हैं। यदि कोलाब से नरीमन प्वाइंट तक लिया जाये तो इनकी संख्या 2 लाख से भी अधिक हो जाएगी। सब के सब बंद है। ओबराय होटल तो पूरी तरह से तहस नहस हो चुका है।
खाली दौड़ रही हैं बेस्ट की बसे
मुंबई की सड़कों पर खचाखच भरी रहने वाली बेस्ट की बसे खाली ढनढना रही हैं। कभी बस स्टापों पर भीड़ लगी रहती थी, अब इकादुका सवारी ही बस स्टापों पर नजर आ रहे हैं।
मुंबई की सड़कों पर खचाखच भरी रहने वाली बेस्ट की बसे खाली ढनढना रही हैं। कभी बस स्टापों पर भीड़ लगी रहती थी, अब इकादुका सवारी ही बस स्टापों पर नजर आ रहे हैं।
SAB KUCHH DIKHA DIYA, AB KYA BAKI HAI. NARAYAN NARAYAN
ReplyDeleteWow good website, thank you.
ReplyDeleteSesha Tantrikara Sandhana Re By Manoj Das
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