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Showing posts from September, 2020

सभी भारतीय भाषाएं राष्ट्रीय भाषाएं : प्रो. अग्निहोत्री

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  नई दिल्ली।  '' सभी भारतीय भाषाएं राष्ट्रीय भाषाएं हैं , इसलिए किसी भाषा को क्षेत्रीय भाषा और किसी को राष्ट्रीय भाषा कहना ठीक नहीं होगा। जिस दिन हमारे शिक्षकों ने भारतीय भाषाओं में पढ़ाना शुरू कर दिया , उस दिन हिन्दुस्तान अन्य देशों से बहुत आगे निकल जाएगा। '' यह विचार हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय , धर्मशाला के कुलपति प्रो. कुलदीप चंद्र अग्निहोत्री ने सोमवार को भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय वेबिनार में व्यक्त किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय , मोतिहारी के कुलपति प्रो. संजीव कुमार शर्मा ने की। आयोजन में प्रसिद्ध लेखिका एवं दैनिक हिंदुस्तान की कार्यकारी संपादक श्रीमती जयंती रंगनाथन मुख्य वक्ता के तौर पर शामिल हुईं। इसके अलावा नवभारत टाइम्स , मुंबई के पूर्व संपादक श्री विश्वनाथ सचदेव , दैनिक जागरण , नई दिल्ली के सह-संपादक श्री अनंत विजय और पांडिचेरी विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ. सी जयशंकर बाबु ने भी वेबिनार में अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक प्रो.

मूल्यानुगत मीडिया अभिक्रम समिति की कार्ययोजनाओं पर चर्चा

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  नई दिल्ली। मूल्यानुगत मीडिया अभिक्रम समिति के अध्यक्ष प्रो. संजय द्विवेदी को भारतीय जनसंचार संस्थान नई दिल्ली का महानिदेशक नियुक्त किए जाने पर समिति की ओर से ऑनलाइन सम्मान समारोह आयोजित किया गया। समारोह की अध्यक्षता भी प्रो.संजय द्विवेदी ने की। जिसमें मूल्यानुगत मीडिया अभिक्रम समिति के संचालन परिषद व कोर कमेटी के पदाधिकारियों सहित देशभर से अनेक वरिष्ठ पत्रकार शामिल हुए। इस समारोह में मूल्यानुगत मीडिया अभिक्रम समिति की भविष्य की कार्ययोजनाओं पर भी चर्चा की गई। बता दें कि दिसंबर 2019 में मध्यप्रदेश के इंदौर में हुए समिति के चुनाव में प्रो. संजय द्विवेदी को अध्यक्ष चुना गया था। समारोह की शुरूआत में समिति की ओर से सचिव बी.के. डॉ रीना ने प्रो. संजय द्विवेदी का सम्मान किया। समिति के संस्थापक व वरिष्ठ पत्रकार प्रो.कमल दीक्षित ने प्रो.द्विवेदी का सम्मान करने के साथ समिति की कार्यवाही से सभी सदस्यों को अवगत कराया। मूल्यानुगत मीडिया अभिक्रम समिति की बैठक समिति ने प्रो. संजय द्विवेदी का किया सम्मान इस अवसर पर प्रो. संजय द्विवेदी ने संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में मीडिया के लोगों को

'राष्ट्रीय शिक्षा नीति और भारतीय भाषाएं’ विषय पर वेबिनार

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भारतीय जन संचार संस्थान में आयोजित हिंदी पखवाड़े का समापन 28 सिंतबर को ‘ राष्ट्रीय शिक्षा नीति और भारतीय भाषाएं ’ विषय पर आयोजित वेबिनार से होगा। इस कार्यक्रम में देश के प्रमुख विद्धान अपने विचार व्यक्त करेंगे। भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने बताया कि इस वेबिनार में हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कुलदीप चंद्र अग्निहोत्री मुख्य अतिथि होंगे , जबकि अध्यक्षता महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय , मोतिहारी के कुलपति प्रो. संजीव कुमार शर्मा करेंगे। कार्यक्रम में प्रसिद्ध लेखिका एवं दैनिक हिंदुस्तान की कार्यकारी संपादक श्रीमती जयंती रंगनाथन मुख्य वक्ता के रूप में शामिल होंगी। वेबिनार के प्रमुख वक्ताओं के तौर पर नवभारत टाइम्स , मुंबई के पूर्व संपादक श्री विश्वनाथ सचदेव , दैनिक जागरण , नई दिल्ली के सह-संपादक श्री अनंत विजय और पांडिचेरी विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ. सी जयशंकर बाबु अपने विचार प्रकट करेंगे।   प्रो. द्विवेदी ने इस आयोजन के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि हाल ही में घोषित राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारत सरका

आहार, आय, आजीविका और आवागमन की भाषा है हिन्दी

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इक्कीसवीं सदी में हिन्दी आहार , आय , आजीविका और आवागमन की भाषा के रूप में समूचे विश्व में इस्तेमाल में लाई जा रही है , जिससे हिन्दी सम्बन्ध , सम्पर्क , संवाद और सहचार के सर्वाधिक सशक्त माध्यम के तौर पर दुनिया भर में शान से अपनी विजय पताका लहरा रही है। नई शिक्षा नीति में भाषा को सुदृढ़ बनाने हेतु अनेक महत्त्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं जिनसे हिन्दी का सर्वांगीण विकास और प्रचार - प्रसार सम्भव हो सकेगा।  ये उद्गार मुख्य अतिथि इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी ने बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग द्वारा उच्च शिक्षा विभाग , उत्तर प्रदेश के सहयोग से हिन्दी दिवस के अवसर पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय वेब संगोष्ठी में व्यक्त किए। उन्होंने आगे कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 में हिन्दी को शिक्षण की भाषा के रूप में अत्यन्त महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है और   इसे रोज़गार से जोड़ने का प्रयास किया गया है। सर्टिफिकेट , डिप्लोमा और डिग्री पाठ्यक्रमों तथा एक संकाय या विषय से दूसरे में जाने की सुविधा देकर विद्यार्थियों को अपनी अभिरुचि के अनुरूप शिक्षा प्र

IAF STRIKES @ 0328 hours: A Clear picture of air strike

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Vinay Kumar  New Delhi: More than a year has passed since Indian Air Force (IAF) carried out Balakot air strikes across the border in Pak occupied Kashmir (PoK) on February 26, the first such strike across the border in nearly 50 years. Air strikes to dismantle terrorist camps in Balakot evoked a keen interest not only among the people but also showcased India’s air power and the capability of IAF. Reports in print and electronic media in the country came up with their accounts of the air strike on the basis of whatever was put out by the government at that time. Two senior defence journalists Mukesh Kaushik and Sanjay Singh have put together graphic and authentic account of Balakot air strike of   February 26, 2019   which were taken up in the wake of Pulwama terror attack by Pak-supported terror outfits on CRPF convoy in which 40 para-military personnel lost their lives. The author duo came up with ``IAF Strikes @0328 hours’’ which has a foreword penned by Air Marshal (Retd) Hari Kum

ममता का अपना ही सर्वे कह रहा - अलविदा दीदी

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  अवनीश पी.एन. शर्मा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने राजनीतिक कंसल्टेंट प्रशांत किशोर की कंपनी इंडियन पोलिटिकल एक्शन कमेटी ( I-PAC) को राज्य में राजनीतिक सर्वे का काम सौंपा था। इस साल मार्च से जुलाई तक 6 महीने तक किए गए इस सर्वे के अनुसार ममता बनर्जी की तृणमूल सरकार के प्रति राज्य के मतदाताओं में भीषण नाराजगी है। तृणमूल के एमएलए उच्चतम स्तर की एंटी-इनकंबेंसी झेल रहे हैं और सर्वे साफ कहता है कि ऐसे में पश्चिम बंगाल में तृणमूल सरकार बना पाने की स्थिति नहीं रहेगी। पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव अगले साल अप्रैल-मई के बीच होने हैं।  प्रशान्त किशोर की कंपनी ने पूरे राज्य की सभी 294 विधानसभा सीटों पर तीन स्तरीय यानी तीन बार यह जमीनी आकलन किया। पहला सर्वेक्षण इसी साल मार्च में कोरोना के चलते हुए पहले लाकडाउन के ठीक पहले किया गया। दूसरा सर्वे जून के महीने में तो अंतिम सर्वे अगस्त के तीसरे हफ्ते में किया गया। जमीनी रिपोर्ट्स कहते हैं कि जो तृणमूल मार्च के पहले सर्वे में विधानसभा की 110 सीटों पर अच्छा कर रही थी , वह अब तीसरे दौर के आकलन में मात्र 78 सीटों पर बेह

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