माँ के दूध की तरह ही पौष्टिक है गधी का दूध

डॉ. रूप कुमार बनर्जी

सभी जानते हैं कि मिस्र की महारानी क्लियोपेट्रा खूबसूरती के मामले में सभी को मात दे देती थी । उनकी खूबसूरती का राज किसी से नहीं छिपा था। वह अपनी खूबसूरती को बरकरार रखने के लिए गधी के दूध से स्नान करती थीं।

एक शोध में खुलासा हुआ है कि गधी के दूध में मौजूद एंटी एलर्जिक तत्व अस्थमा तथा सर्दी, जुकाम से पीडित बच्चों के लिए बेहद फायदेमंद है। इस शोध में कहा गया कि कुछ पीढियों पहले तक कुछ देशों में छोटे बच्चों को सर्दी जुकाम होने पर गधी का दूध ही देते थे लेकिन धीरे धीरे लोगों ने इसे छोड़ गाय के दूध को तरजीह देना शुरू कर दिया।

  • हिसार में शुरू होने जा रही गधी के दूध की डेयरी 
  • एक लीटर की कीमत होगी 7000 रुपये

गधी के दूध में तमाम औषधीय गुण होते हैं। इसमें प्रचुर मात्रा में विटमिन पाया जाता है। साथ में बैक्टीरिया रोधी प्रोटीन तथा एंटी एलर्जिक पदार्थ पाया है जो हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ा देता है। यह कहना गलत नहीं होगा कि गधी के दूध के गुण मां के दूध से काफी मिलते जुलते हैं और इसमें भी कई तरह के वैक्टीरिया इनके खाने को पचाने में सहायक होते हैं।

वैज्ञानिक कहते हैं कि शायद इसी वजह से गधी का दूध गाय के दूध की तुलना में ज्यादा पौष्टिक तथा कीटाणुरहित होता है। शोध में शामिल वैज्ञानिक कहते हैं कि यह दूध एकिजमा जैसे त्वचा संबंधी रोगों में भी बेहद कारगर साबित हुआ है। 

Image may contain: horse, outdoor and nature

त्वचा की देखभाल

प्राकृतिक मॉइस्चराइजर, त्वचा को चमक देता है, रंग को निखारे, उज्ज्वल और सुंदर त्वचा देता है, बढ़ती उम्र के परिणाम कम करे, प्राकृतिक त्वचा मृदुकारी, कोमल, स्वस्थ और चमकदार त्वचा प्रदान करता है।

इम्यूनो-ग्लोबुलिन से भरपूर

शरीर में जहर फैल जाने, बुखार, थकान, आंखों में धब्बे, कमजोर दांत, छालों, दमा और कई स्त्री संबंधी समस्याओं में गधी के दूध को पीने की सलाह दी जाती हैं। 'गधी के दूध में इम्यूनो-ग्लोबुलिन भरपूर होता है। यह इंसान के शरीर को कई वायरल और जैविक संक्रमणों से बचाता है।

एंटी एलर्जिक

एक शोध में यह बात सामने आई है कि गधी के दूध में बहुत से एंटी एलर्जिक तत्व पाए जाते हैं जो बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद हैं। इससे उनको कई तरह की बीमारियों से बचा कर रखा जा सकता है।

बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है

विशेषज्ञों को गधी के दूध में लाइसोजाइम जैसे पोषक तत्व पाए जाते है। जो नवजात शिशुओं में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते है। इससे बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है ताकि वह बीमारियों का सामना कर सकें। यह सर्दी, खांसी एव अस्थम से भी राहत दिलाता है।

मां के दूध जितना पौष्टिक

इसमें भरपूर मात्रा में विटमिन B, विटमिन B12 और विटमिन C होता है, मां के दूध से अगर इसकी तुलना करें, तो इसमें 60 गुना ज्यादा विटमिन C होता है। पौष्टिकता के मामले में विशेषज्ञ इसे मां के दूध के बराबर ही मानते हैं।

दमा और सांस संबंधी बीमारियों के लिए दवा

प्रोबायोटिक और स्वास्थ्यप्रद खाने के लिहाज से भी यह बेहद उम्दा है। इसमें मिनरल और कैलोरी भी काफी ज्यादा पाया जाता है। दमा और सांस संबंधी समस्याओं को ठीक करने में यह बेहद कारगर साबित होता है।

आप सदैव स्वस्थ रहिए

© Dr. Roop Kumar Banerjee

Comments

  1. उपयोगी जानकारी।
    श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ आपको।

    ReplyDelete
  2. बेहद उपयोगी जानकारी ...

    ReplyDelete

Post a Comment

सुस्वागतम!!

Popular posts from this blog

रामेश्वरम में

इति सिद्धम

Bhairo Baba :Azamgarh ke

Most Read Posts

रामेश्वरम में

Bhairo Baba :Azamgarh ke

इति सिद्धम

Maihar Yatra

Azamgarh : History, Culture and People

पेड न्यूज क्या है?

...ये भी कोई तरीका है!

विदेशी विद्वानों के संस्कृत प्रेम की गहन पड़ताल

सीन बाई सीन देखिये फिल्म राब्स ..बिना पर्दे का

आइए, हम हिंदीजन तमिल सीखें