माही वे तैनू याद करां, ने मेरी जिंदगी पलट दी

पंजाब सिर्फ खान पान में ही अव्वल नहीं है, गीतों और संगीतों की भी यहां समृद्ध परंपरा रही है। सूफी गायकी से लेकर, इश्क और शराब में डूबी उम्दा गीतों की यहां पर जबरदस्त रचना हुई है, और समय समय पर इन गीतों को बेहतर आवाजा देने वाले शानदार गायक भी ऊभरें हैं। गायकी की इस परंपरा में एक नाम जुड़ा है एम के( मनोज कुमार)। मनोज हर शैली की गीतों को अपनी आवाज देकर पंजाब की गायकी परंपरा को समृद्ध कर रहे हैं। मुक्तसर में एक मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मे एम के को बचपन से ही गायकी का शौक था। इनकी स्कूली शिक्षा अमृतसर के नवजोत मार्डन हाई स्कूल में हुई। आगे की शिक्षा के लिए यह दिल्ली आ गये। स्कूल और कालेज में होने वाले कार्यक्रमों अक्सर ये अपनी आवाज का जादू चलाते थे। लेकिन उस वक्त इन्हें पता नहीं था कि इनकी मंजिल मुंबई है। आइये जाने इनकी कहानी इन्हीं की जुबानी .....
मैं अक्सर अपने पिता जी के काम में मदद करता रहता था। इस सिलसिले में मुझे अक्सर ट्रेनों में सफर करना पड़ता था, कभी आगरा, कभी ग्वालियर कभी भोपाल, कभी जयपुर तो कभी अजमेर। दूर दूर तक मुझे यात्रा करनी पड़ती थी. सफर में अजनबियों से ज्यादा घुलना मिलना नहीं चाहिये, यह बात अक्सर मेरे पिता जी मुझे समझाते थे, लेकिन सफर में अकेले बैठे बैठे बोरियत महसूस होने लगती थी, मैं सीट पर बैठे-बैठे हल्की आवाज में गुनगनाता रहता था। कभी -कभी तो मुझे एसा महसूस होता था कि मेरी आवाज तो बिल्कुल एसी मिलती जुलती है, जैसे कभी मैंने अक्सर रेडियो और टीवी पर गायकों को गाते हुये सुना करता था। कभी कभी तो मुझे भी अचंभा सा महसूस होता था कि मैं गायक तो हूं नहीं लेकिन आवाज एसे लग रही है, जैसे मैं नहीं कोई सिंगर ही गा रहा हो। अकेलेपन का सिर्फ एक ही साथी होता था, गाना। पता नहीं धीरे-धीरे कब मैं इसमें अभ्यस्त हो गया।
गायक बनने की तो शायद मैंने ख्वाबों में भी नहीं सोची थी। मेरी मां अक्सर मुझे कहती थी कि बेटा जब तू पैदा होने वाला था, तो मैंने बहुत व्रत रखे, पूजा की, ईश्वर की आराधना की कि मेरी जो औलाद है वो बड़ा होकर खूब नाम कमाये। मां कहती थी मुझे यह तो नहीं पता था कि वह क्या बने लेकिन बस एक ही तमन्ना थी कि मेरा होने वाला बच्चा दुनिया में अपना नाम रोशन करे। शायद उन्हीं की प्रार्थनाओं का नतीजा है कि ईश्वर ने कोई न कोई साधन बनाकर मुझे आज एसी जगह पर खड़ा कर दिया।
एक दिन मैं अपन दोस्तों के साथ दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जा रहा था, तो रास्ते में एक महिला मित्र बोली कि वह एक गजल सुनाना चाहती है। और हम सबने उसकी गजल सुनी। गजल सुनाने के बाद वह खुद की ही तारीफ करने लग गई कि देखो मेरी कितनी अच्छी आवाज है। मुझे थोड़ा सा उनके इस अभिमान भरे शब्दों को सुनकर एसा लगा कि एसी तो कोई बात नहीं जो इतना इतराया जाये। तो मैंने कहा कि मैं भी एक गाना सुनाता हूं। जब मैंने गाना शुरु किया तो पूरी कार में सन्नाटा सा छा गया। मेरे मित्रों ने मुझे कहा कि कमाल है, पागल तेरे अंदर तो सिंगर छुपा हुआ है। मैंने मजाक में टालते हुये कहा कि नहीं मुझे तो पूरा गाना भी नहीं आता। मैं सिंगर कैसे हो सकता हूं। उनमें से एक दोस्त गिरीश ने कहा, कि सिंगर एसे ही होते हैं। मैं तो सिंगरों के साथ रहा हूं और मुझे पता है कि तेरे में क्या क्वालिटी है। उसने मुझे बहुत प्रेस किया कि तू मेरे साथ एक बार मुंबई चल और मैं तुझे बाबू सिंह मान जी(पंजाब के जाने माने लेखक)से मिलवाता हूं। वो मेरे रिश्तेदार हैं और उन्होंने तेरे सिर पर हाथ रख दिया, तो समझ ले तेरी जिंदगी बन गई। पहले तो मैं टाल मटोल करता रहा, पर उसके बार बार समझाने पर मैं मुंबई आने को राजी हो गया। मान साहेब से मिला। उन्होंने मुझे सुना और कहा,बेटा मैं तो लेखक हूं, वैसे तेरी आवाज में तो बहुत कशीश लग रही है,बांधने वाली आवाज है। लेकिन फिर मैं तुझे म्युजिक डायरेक्टर से मिलवाता हूं।
उन्होंने एक दो म्युजिक डायरेक्टरों से मिलवाया और मेरा वायस टेस्ट करवाया। उनका उत्तर सकारात्मक मिला। और मान साहेब ने मेरे लिए गाने लिखने के मेरे आग्रह को स्वीकार किया और अपनी लेखनी से मुझे आठ गीतों के रूप में आर्शिवाद दिया। उनका एक, गीत माही वे तैनू याद करां, हर चरखी दे गेड़े ने रातों रात मेरी जिंदगी पलट दी। और आज मैं आप लोगों के सामने हूं। कुदरत भी बड़ी महान है। जब वो जिससे वो जो चाहती है, करवा ही लेती है। परमात्मा के रंग बड़े निराले हैं, अगर वो मेहरबान हो जाये, तो आपको कुछ आता हो या ना आता हो, वो मंजिल पर पहुंचा ही देता है। आप मेरे गीतों को माही वे एलबम में सुन सकते हैं। मेरे साइट http://www.mksinger.com/ पर जाकर फ्री में डाउनलोड भी कर सकतेहैं।

Comments

  1. बल्ले बल्ले नंन्दन जी तुसी ते पंजाबी निकले , वोत चंगा लेख लिखय्या तुहाडा ध्न्यवाद मनोज नाल मिलबान लई, गीत हुने ही सुण्दे हा.

    आपको और आपके परिवार को होली की रंग-बिरंगी ओर बहुत बधाई।
    बुरा न मानो होली है। होली है जी होली है

    ReplyDelete
  2. vah vah nandan ji blogs par meri najar rehti hai ki koi punjabi bandhu mile apka blog dekh kar bahut khushi hui manoj ji ke baare me padh kar bhi khushi hui apko v parivaar ko holi mubarak ho mere blog bhi dekhen
    www.veerbahuti.blogspot.com
    www.veeranchalgarha.blogspot.com

    ReplyDelete
  3. एक कलाकार के बारे में जानकारी देने के लिए धन्यवाद

    ReplyDelete
  4. इस जानकारी और लिंक के लिए आभार।

    होली की हार्दिक शुभकामनाऍं।

    ReplyDelete
  5. हिन्दुस्तान में जो विविधता है उसकी ओर इशारा करने के लिये आभार!! यहां तो हर जगह गुदडी के लाल हैं, बस सबके समक्ष लाने की जरूरत है.

    सस्नेह -- शास्त्री

    ReplyDelete
  6. bahot acha laga mk ke gaane sun kar apka bahot shukriya hame mk ke baare main batane ke liye

    ReplyDelete

Post a Comment

सुस्वागतम!!

Popular posts from this blog

रामेश्वरम में

इति सिद्धम

Bhairo Baba :Azamgarh ke

Most Read Posts

रामेश्वरम में

Bhairo Baba :Azamgarh ke

इति सिद्धम

Maihar Yatra

Azamgarh : History, Culture and People

पेड न्यूज क्या है?

...ये भी कोई तरीका है!

विदेशी विद्वानों के संस्कृत प्रेम की गहन पड़ताल

सीन बाई सीन देखिये फिल्म राब्स ..बिना पर्दे का

आइए, हम हिंदीजन तमिल सीखें